वेदों में हज़रत मुहम्मद स. की भविष्यवाणी

वेदों में हज़रत मुहम्मद स. की भविष्यवाणी

मुहम्मद (सल्ल0) अरब में छटी शताब्दी ई0 में पैदा हुए, मगर इससे बहुत पहले उनके आगमन की भविष्यवाणी वेदों में की गई है। एक सज्जन से यह बात सुनकर मैने इसकी खोज की, फिर वेदों में हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) के आगमन की भविष्यवाणी को देखकर मैं आश्चर्यचकित रह गया ।

पुराण में भी आप (सल्ल0) की चर्चा हुई है। महाऋषि व्यास के 18 पुराणों में से एक पुराण ‘भविष्य पुराण’ है। उसका एक श्लोक है:

‘‘एक दूसरे देश में एक आचार्य अपने मित्रों के साथ आयेंगे। उनका नाम महामद होगा। वे रेगिस्तानी क्षेत्र में आयेंगे।"

(भविष्य पुराण अ0 323 सू0 5 से 8)

स्पष्ट रूप से इस श्लोक और सूत्र में नाम और स्थान के संकेत हैं। आने वाले महान पुरूष की अन्य निशानियां यह बयान हुई हैं:

"पैदाईशी तौर पर उनका ख़तना किया हुआ होगा। उनके जटा नहीं होगी। वह दाढ़ी रखे हुए होंगे। गोश्त खायेंगे। अपना संदेश स्पष्ट शब्दों में ज़ोरदार तरीक़े से प्रसारित करेंगे। अपने संदेश के मानने वालों को मूसलाई नाम से पुकारेंगे।"

(अध्याय 3 श्लोक 25, सूत्र )

इस श्लोक को ध्यानपूर्वक देखिए। खतने का रिवाज हिंदुओं में नहीं था। जटा यहाँ का धार्मिक निशान था। आने वाले महान पुरूष अर्थात मुहम्मद (सल्ल0) के अन्दर ये सभी बातें पाई जाती हैं और स्पष्ट रूप से पाई जाती हैं। फिर इस संदेश के मानने वालों के लिए मुसलाई का नाम है। यह शब्द मुस्लिम और मुसलमान की ओर संकेत करता है।

अथर्ववेद अध्याय 20 में हम निम्नलिखित श्लोक देख सकते हैं:

''हे भक्तों! इसको ध्यान से सुनो। प्रशंसा किया गया, प्रशंसा किया जाने वाला वह महामहे ऋषि साठ हजार नब्बे लोगों के बीच आयेगा।''

मुहम्मद के मायने हैं जिसकी प्रशंसा की गई हो। आप (सल्ल0) की पैदाइश के समय मक्का की आबादी साठ हजार थी।

''वे बीस नर और मादा ऊंटों पर सवारी करेंगे। उनकी प्रशंसा और बड़ाई स्वर्ग तक होगी। उस महाऋषि के सौ सोने के आभूषण होंगे।''

ऊँट पर सवारी करने वाले महाऋषि को हम भारत में नहीं पाते।

अत: यह संकेत मुहम्मद (सल्ल0) ही की ओर हैं। सौ सोने के आभूषण से अभिप्रेत हबशा की हिजरत में जाने वाले आप (सल्ल0) के सौ प्राणोंत्सर्गी मित्र हैं।

''दस मोतियों के हार, तीन सौ अरबी घोड़े, दस हज़ार गायें उनके यहाँ होंगी।''

दस मोतियों के हार से संकेत आप (सल्ल0) के उन दस मित्रों की ओर है जिन्हे दुनिया ही में जन्नत की खुशखबरी दी गई।

बद्र की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले 313 सहाबा को तीन सौ अरबी घोड़ों की उपमा दी गई है। दस हजार गायों से अभिप्रेत यह है कि आप (सल्ल0) के अनुयायियों की संख्या बहुत अधिक होगी।

क़ुरआन मजीद नबी (सल्ल0) को ‘जगत के लिए रहमत’ के नाम से याद करता है।

ऋग्वेद मे भी है:

''रहमत का नाम पाने वाला, प्रशंसा किया हुआ, दस हज़ार साथियों के साथ आएगा।'' (मंत्र 5 सूत्र 28)

इसी तरह वेद में ''महामहे'' और ''महामद'' के नाम से भी आप (सल्ल0) के आगमन का उल्लेख है।